जाने इस पोस्ट में क्या क्या है
Tiranga Fahrane Ka Niyam : नमस्कार दोस्तों | प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का महापर्व धूमधाम से मनाया जाता है, और इस वर्ष ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत देशभर में तिरंगा दिखेगा। इस बार, अभियान के तहत हर घर में तिरंगा लहराने की तैयारी है, जिससे तिरंगे की बिक्री भी काफी बढ़ गई है।
भारत इस साल अपनी स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1947 में 15 अगस्त को हमें अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता मिली थी, और इस दिन दिल्ली के लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा तिरंगा फहराया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराना सभी नागरिकों का अधिकार है, लेकिन इसके लिए कुछ नियम और कानून भी हैं। भारतीय ध्वज संहिता, जो 2002 में लागू हुई थी, तिरंगा फहराने और उतारने से संबंधित दिशा-निर्देश प्रदान करती है।
Tiranga Fahrane Ka Niyam
भारतीय ध्वज संहिता के लागू होने से पहले, तिरंगा केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही फहराया जाता था। लेकिन अब भारतीय ध्वज संहिता के नए प्रावधानों के तहत, तिरंगा किसी भी दिन और समय पर पूरे सम्मान के साथ फहराया जा सकता है।
पहले तिरंगे को सूर्यास्त के बाद फहराना मना था, लेकिन 20 जुलाई 2022 को भारतीय ध्वज संहिता 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 में किए गए संशोधनों के बाद, अब यह नियम बदल गया है। अब तिरंगा दिन-रात कभी भी फहराया जा सकता है।
भारत में राष्ट्रीय ध्वज का आकार 3:2 के अनुपात में होना अनिवार्य है। इसके अलावा, ध्वज को हमेशा साफ-सुथरा, बिना किसी दाग-धब्बे या फटे हुए रखना चाहिए। इसे ऊंचे स्थान पर ही फहराना चाहिए। अब कोई भी व्यक्ति, शैक्षणिक संस्था या कार्यालय पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ तिरंगा फहरा सकते हैं, दिन या रात, जब चाहें।
Tiranga Fahrane Ka Niyam : Overview
भारत के Tiranga Fahrane Ka Niyam के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं, जिन्हें जानना आवश्यक है:
- आयताकार आकार और अनुपात: तिरंगा झंडा आयताकार होना चाहिए, और इसकी लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए। यानी, लंबाई चौड़ाई से डेढ़ गुना अधिक होनी चाहिए।
- जमीन से दूरी: झंडा कभी भी सीधे जमीन को नहीं छूना चाहिए।
- रंग की दिशा: झंडा फहराते समय केसरिया रंग हमेशा ऊपर की ओर होना चाहिए।
- समय की छूट: पहले तिरंगा केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता था, लेकिन अब इसे रात के समय भी फहराया जा सकता है।
- अन्य झंडों का आकार: यदि आप तिरंगे के साथ अन्य झंडे फहरा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि अन्य झंडा तिरंगे से बड़ा या उसकी बराबरी का न हो।
- ध्वज की देखभाल: झंडा को पानी में नहीं डुबाना चाहिए और उस पर किसी प्रकार की लेखन या चिह्न नहीं होना चाहिए।
- आधा झुकाना: बिना सरकारी आदेश के तिरंगे को आधा झुकाकर नहीं फहराना चाहिए। साथ ही, तिरंगा को जमीन से भी दूर रखना चाहिए।
- सामग्री की विशेषता: तिरंगे को खादी, सूती या सिल्क से बनाया गया होना आदर्श है, लेकिन 2022 के कानून में बदलाव के बाद अन्य सामग्री से बने झंडे भी अब स्वीकार्य हैं। – Tiranga Fahrane Ka Niyam
भारतीय ध्वज के अपमान से जुड़े कानून
भारतीय कानून के तहत, तिरंगे झंडे के अपमान को गंभीर अपराध माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति तिरंगे का अपमान करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल, जुर्माना, या दोनों दंड मिल सकते हैं।
Tiranga Fahrane Ka Niyam
यह प्रावधान राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 में उल्लिखित है। इस कानून के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक स्थल पर तिरंगे या संविधान को जलाना, कुचलना, फाड़ना या किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाना अपराध के दायरे में आता है। इसलिए, तिरंगा फहराते समय सभी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
Summary
भारतीय ध्वज के नियम और कानून
भारत के तिरंगे झंडे के फहराने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं। तिरंगा आयताकार होना चाहिए, जिसकी लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 हो। झंडा कभी भी जमीन को छूना नहीं चाहिए, और केसरिया रंग हमेशा ऊपर रहना चाहिए। पूर्व में तिरंगा केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता था, लेकिन अब इसे रात में भी फहराया जा सकता है। किसी अन्य झंडे को तिरंगे के बराबर या उससे बड़ा नहीं होना चाहिए, और झंडा पानी में डुबोया नहीं जाना चाहिए। बिना सरकारी आदेश के तिरंगे को आधा झुकाकर भी नहीं फहराना चाहिए। – Tiranga Fahrane Ka Niyam
भारतीय कानून के तहत तिरंगे के अपमान को गंभीर अपराध माना जाता है। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 के तहत, तिरंगे या संविधान को जलाना, कुचलना, या फाड़ना अपराध है, जिसके लिए 3 साल की जेल, जुर्माना, या दोनों सजा हो सकती है। – Tiranga Fahrane Ka Niyam